श्रीलंका-भारत के बीच शुरू हुआ समुद्री अभ्यास ‘SLINEX’, द्विपक्षीय संबंधों को करेगा मजबूत
भारत-श्रीलंका द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास ‘SLINEX-23’ दो चरणों में होगा. इस अभ्यास में दोनों सेनाओं के युद्धपोत और हेलीकॉप्टर हिस्सा लेंगे. बता दें श्रीलंका-भारत के बीच SLINEX का पिछला संस्करण मार्च, 2022 में विशाखापत्तनम में आयोजित किया गया था.
श्रीलंका-भारत के बीच शुरू हुआ समुद्री अभ्यास ‘SLINEX’, द्विपक्षीय संबंधों को करेगा मजबूत (Source- navy.lk)
श्रीलंका-भारत के बीच शुरू हुआ समुद्री अभ्यास ‘SLINEX’, द्विपक्षीय संबंधों को करेगा मजबूत (Source- navy.lk)
भारत-श्रीलंका द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास ‘SLINEX-23’ का 10वां संस्करण 03 अप्रैल से शुरू हो चुका है. इसे कोलंबो में आयोजित किया जा रहा है. ये अभ्यास दो चरणों 3-5 अप्रैल 2023 तक बंदरगाह चरण (Harbor Phase) और उसके बाद 6-8 अप्रैल 2023 तक समुद्री चरण (Sea Phase) में आयोजित हो रहा है. इस अभ्यास में दोनों सेनाओं के युद्धपोत और हेलीकॉप्टर हिस्सा लेंगे. बता दें श्रीलंका-भारत के बीच SLINEX का पिछला संस्करण मार्च, 2022 में विशाखापत्तनम में आयोजित किया गया था.
Indian Naval Ship (INS) Kiltan & INS Savitri arrived at the port of Colombo 03 Apr to take part in the Sri Lanka–India Naval Exercise (#SLINEX) -23. @srilanka_navy @indiannavy
— The Sri Lanka Navy (@srilanka_navy) April 3, 2023
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बढ़ेगी सैन्य प्रणालियों को साझा करने की क्षमता
बता दें कि इस द्विपक्षीय अभ्यास में श्रीलंका नौसेना का प्रतिनिधित्व SLNS Gajabahu और SLNS Sagara कर रहे हैं. वहीं भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व INS Kiltan, स्वदेशी Kamorta वर्ग ASW corvette और अपतटीय गश्ती पोत INS Savitri कर रहे हैं. इसके अलावा समुद्री गश्ती विमान, हेलीकॉप्टर और दोनों पक्षों के विशेष बल भी अभ्यास में भाग लेंगे. बंदरगाह चरण में पेशेवर, सांस्कृतिक, खेल और सामाजिक आदान-प्रदान शामिल होंगे और इससे दोनों देशों में बीच संबंध भी मजबूत होंगे.
समन्वय को मिलेगा बढ़ावा
समुद्री चरण के दौरान अभ्यासों में सतह और वायुरोधी हथियार फायरिंग अभ्यास, सीमैनशिप विकास, क्रॉस डेक फ्लाइंग सहित विमान संचालन, उन्नत सामरिक युद्धाभ्यास और समुद्र में विशेष बल संचालन शामिल होंगे. ये दोनों नौसेनाओं के बीच पहले से मौजूद अंतर-संचालन के उच्च स्तर को और बढ़ाएंगे. अभ्यास का उद्देश्य दोनों नौसेनाओं के बीच दोस्ती और भाईचारे के बंधन को और मजबूत करना है, इसीलिए बंदरगाह चरण के दौरान पेशेवर, सांस्कृतिक और खेल आयोजनों के साथ-साथ सामाजिक आदान-प्रदान की भी योजना बनाई गई है.
दोनों देशों के बीच आपसी संबंध होंगे और मजबूत
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पिछले कुछ वर्षों में प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप भारत की ‘पड़ोसी पहले’ की नीति और ‘क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास’ के तहत आपसी सहयोग को मजबूत करने का दायरा बढ़ा है. इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों नौसेनाओं के बीच बहुआयामी समुद्री संचालन के लिए अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाना, आपसी समझ में सुधार और सर्वोत्तम प्रथाओं और प्रक्रियाओं का आदान-प्रदान करना है.
इनपुट- PBNS
04:27 PM IST